Tuesday, July 7, 2020

ड्रोन वैज्ञानिक प्रताप की प्रतिभा और देशभक्ति को प्रणाम

राष्ट्र-चिंतन
देशभक्ति बनी प्ररेणा/मोदी की अपील पर विदेशी रक्षा कपंनियों के ऑफर को ठुकराया / डीआरडीओ में काम करना स्वीकारा / प्रतिभा पलायन पर अब स्पष्ट नीति बननी चाहिए / प्रतिभा सम्मान जरूरी 

ड्रोन वैज्ञानिक प्रताप की प्रतिभा और देशभक्ति को प्रणाम



                    विष्णुगुप्त


देश के लिए सुखद रहा कि प्रताप एनएम ने देशभक्ति चुनी और डीआरडीओ में वैज्ञानिक का पद स्वीकार कर लिया। अब प्रताप एनएम अपनी प्रतिभा और अपनी खोज से देश को लाभवन्वित करेंगे, देश का नाम रौशन करेंगे। प्रताप एनएम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील सुनी और अमेरिका, फ्रंास आदि देशों की रक्षा कंपनियों से मिले ऑफर को ठुकरा दिया। नरेन्द्र मोदी ने तत्परता दिखाते हुए इस प्रतिभा पलायन को सिर्फ रोका ही नहीं बल्कि देशभक्ति को जगाते हुए देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रेरणा भी दी है। यह सही है कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तत्परता नहीं दिखायी होती तो फिर डीआरडीओ इस युवा और प्रतिभाशाली ड्रोन वैज्ञानिक की सेवा से वंचित हो जाता। इसलिए कि इस युवा वैज्ञानिक को अपनी ओर खीचंने के लिए दुनिया भर के रक्षा संस्थानों में प्रतिस्पर्द्धा चल रही थी, मुहमांगा पैकेज दिया जा रहा था। अब डीआरडीओ इस युवा वैज्ञानिक की प्रतिभा का लाभ उठा सकेगा और देश की रक्षा की जरूरतों को पूरा करने में सफल हो सकता है। 
                                   भारत वर्षो से प्रतिभा पलायन का शिकार है। देश में प्रतिभाओं की पहचान और उनका सर्वद्धन की गणित ठीक नहीं है, प्रतिभाएं नजरअंदाज की जाती रही हैं, प्रतिभाओं का उचित सम्मान और उचित जगह भी नहीं मिलती हैं, अफसरशाही और भाई-भतीजावाद में भी प्रतिभाएं दम तोड़ देती हैं या फिर हाशिये पर चढ़ा दी जाती हैं, इसका दुष्परिणाम घातक होता है। प्रतिभाएं देश से पलायन करने के लिए मजबूर होती हैं। हमारी प्रतिभाओं की खोज और कर्मठता से अमेरिका और यूरोप के देश न केवल लाभावन्वित होते हैं बल्कि तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करते हैं। क्या यह सही नही हे कि भारतीय मूल के कई वैज्ञानिकों को विज्ञान का नॉबेल पुरस्कार मिला है? आज अमेरिका और यूरोप के रक्षा सस्थान और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में काम करने वाली अधिकतर प्रतिभाएं भारतीय हैं। 
                             प्रताप एनएम कौन हैं। आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी प्रताप एनएम से डीआरडीओ ज्वाइन करने की अपील करने के लिए बाध्य होना पडा ? आखि क्यों दुनिया की रक्षा कंपनियां प्रताप एनएम को अपने यहां खींचने के लिए प्रतिस्पर्द्धा कर रही थी? प्रताप एनएम आखिर क्यों चमकीली विदेशी रक्षा कंपनियों के अवसर को ठकुरा कर अपने देश में ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हुए? क्या इसके लिए देश भक्ति की शक्ति प्रेरणा बन कर सामने आयी और प्रताप एनएम को प्रेरणा दी? क्या आज के युवा प्रताप एनएम से प्रेरणा लेगा और प्रताप एनएम को अपना आईकॉन बनायेंगे? प्रताप एनएम की प्रेरणा जागृत कर हम प्रतिभा पलायन को रोक सकते हैं? क्या देक्ष को प्रतिभा पलायन पर स्पष्ट नीति नहीं बनानी चाहिए? देश की प्रतिभा का लाभ देश को मिले, इस पर अब गंभीरता से विचार किया ही जाना चाहिए।
                                 प्रताप की उपलब्धि क्या है, उनकी ख्याति दुनिया में क्यों और कैसे फैली यह जान कर आप भी आश्चर्य में पड़ जायेगे और यह सोचने के लिए बाध्य होेंगे कि जब हौसला असीम हो, मेहनत और समर्पण हो तो फिर जरूरी साधन भी गौण हो जाते हैं। प्रताप एनएम के पास न तो संसाधन थे, न ही ससाधनों को एकत्रित करने के लिए जरूरी धन राशि, परिवारिक बैंकग्राउंड भी सामान्य था, परिवार में विज्ञान का भी कोई व्यक्ति नहीं थे। प्रोत्साहन भी दूर-दूर तक नहीं था। कोई गंभीरता के साथ लेने के लिए तैयार नहीं था। हर जगह शर्मिन्दगी मिल रही है, उपहास उड़ाते लोग सामने होते थे। कोई विश्वास करने के लिए तैयार नहीं था कि यह छोटा सा बालक ड्रोन जैसी तकनीकी के संबंध में जो बड़ी-बड़ी बातें करता है वह सही है। पर उसने शर्मिन्दगी और अपमान को अपनी कमजोर नहीं बनायी, अपने रास्ते का रोड़ा नहीं बनने दिया, अपने विश्वास को डगमगाने नहीं दिया। कहते हैं कि जब हौसला होता है, हौसले को पूरा करने के लिए समर्पण व संघर्ष्र करने की क्षमता होती है तो फिर बड़े से बड़े लक्ष्य भी गौण हो जाते हैं, छोटे पड़ जाते हैं। प्रमाणित तौर पर प्रताप एनएम के पास हौसला था और अपने लक्ष्य के प्रति दृढंता भी थी।
                                       अब प्र्रताप एनएम की उपलब्धियों और संभावनाओं को देखते हैं, परीक्षण करते हैं। अभी वह मात्र 22 साल के युवा है। इस 22 साल की उम्र में ही उनकी उपलब्धि बेजोड़, अतुलनीय और आश्चर्य में डालनी वाली है। उनकी उपलब्धियां सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चर्चा के विषय बनी हैं। अब तक उन्होंने कोई एक-दो नहीं बल्कि 600 से अधिक ड्रोन बना चुके हैं। 600 से अधिक ड्रोन बनाना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यबसे बड़ी बात यह है कि इनके द्वारा बनाया गया ड्रोन अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अचूक होते हैं, इनके बनाये गये ड्रोन परीक्षण में सही साबित हुए हैं। दनके द्वारा बनाये गये ड्रोन आपातकाल में जीवनदायनी की भूमिका निभाता है। आपातकाल में इनके ड्रोन महती भूमिका निभाते हैं। कर्नाटक में आयी बाढ के समय इनके ड्रोन का परीक्षण किया गया था। प्रताप का ड्रोन बाढ पीडितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने में कामयाब हुआ था। खासकर दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें प्रताप के बनाये ड्रोन से बाढ पीडि़तों के बीच पहुचायी गयी थी। रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रताप का ड्रोन सीमा सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खास कर लद्दाख क्षेत्र में प्रताप के ड्रोन की सेवाए ली जा रही है।  आज हमारे जीवन में ड्रोन की जरूरत बढी है। खेती से लेकर आपातकाल, आपदाकाल और सुरक्षा के क्षेत्र में ड्रोन की दखल और जरूरत बढी है। प्राय हर देश ड्रोन तकनीकी के क्षेत्र में आगे आना चाहते हैं। अब तो हथियारों की आपूर्ति और जासूसी के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल आसानी से हो रहा है। हमारा दुश्मन देश पाकिस्तान बार-बार सीमा के नजदीक ड्रोन से हथियार भेजता है। भारतीय सीमा सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी ड्रोन को कई बार मार भी गिराया है।
                                                    प्रताप एनएम कहते है कि उन्हें 14 साल की उम्र में ड्रोन के प्रति दिलचस्पी जगी थी। उन्होंने ईकचरे से ड्रोन को उठा कर उसके आतंरिक स्थिति का अध्ययण करना शुरू कर दिया था। उसके पास पैसा नहीं होने के कारण बड़ी समस्या थी। इस कारण ईकचरे पर उसे निर्भर रहना पड़ा। ईकचरे को एकत्रित कर उन्होंने ड्रोन बनाना और उड़ाना शुरू कर दिया। प्रताप के बनाये ड्रोन चित्र भी लेने में समझ हैं। प्रताप के ड्रोन दुनिया भर के विभिन्न रक्षा प्रदर्शनियों में भाग लेकर पुरस्कार जीत चुके हैं। जर्मनी के हनोहर में हुए अंतर्राष्टीय ड्रोन एकस्पो 2018 आईस्टीन इनोवेशन गोल्ड मेडल के पुरस्कार प्रताप हासिल कर चुके हैं। देश के मुबई आईआईटी सहित अन्य कई तकनीकी संसाधनों में प्रताप व्याख्यान भी दे चुके हैं। इसके अलावा विदेशों में भी व्याख्यान देने के लिए जाते रहते हैं। वे व्याख्चान में कहते हैं कि परिश्रम और दूरदृष्टि के माध्यम से लक्ष्य की ओर पहुंचा जा सकता है।
                   आज के युवा वर्ग को प्रताप एनएम से प्रेरणा लेने की जरूरत है। निश्चित तौर पर प्रताप एनएम आज के युवाओं के लिए एक आईकॉन हैं। उन्होंने मात्र 22 साल की उम्र में जो उपलब्धियां हासिल की है वह दुनिया भर में एक बेमसाल उदाहरण है। खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा होनी चाहिए कि उन्होने प्रताप एनएम की प्रतिभा और देश की उनकी जरूरत को समझा, प्रताप को डीआरडीओ में काम करने के लिए प्रेरित किया और सम्मानपूर्ण पैकेज दिलाया। अब देश के अंदर में प्रतिभा पलायन पर गंभीरता पूर्ण विचार करने की आवश्कता है। हम करोडो और अरबों खर्च कर प्रतिभाएं तलाशते हैं, प्रतिभाएं तैयार करते हैं फिर ये प्रतिभाओं का लाभ अमेरिका और यूरोप जैसे देश उठाते हैं। यह देश की ही कमजोरी है। इस कमजोरी को हमें दूर करना होगा। प्रतिभाओं को उचित सम्मान देना हमे सीखना होगा। प्रताप एनएम की प्रतिभा और देशभक्ति को हम प्रणाम करते हैं।

संपर्क .....
विष्णुगुप्त
मोबाइल नंबर ...    9315206123



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