राष्ट्र-चिंतन
श्रीलंका धमाके के दोषी तौहीद जमात की भारतीय कहानी
भारत बन गया मुस्लिम आतंकवादियो की सुरक्षित शरणस्थली
विष्णुगुप्त
सैद्धांतिक तौर पर कोई भी भारतीय यह नहीं चाहेगा कि उसका देश मुस्लिम आतंकवादियों की शरणस्थली, ठिकाना या घर बन जाये और इस कारण भारत की दुनिया में उसी तरह बदनामी और तिरस्कार हासिल हो जिस तरह की बदनामी और तिरस्कार दुनिया में पाकिस्तान के प्रति उपस्थित है। पर सच को अस्वीकार करना मुश्किल है। चाहे कारण कुछ भी क्यों नहीं हो, पर सच तो यह है कि अब भारत मुस्लिम आतंकवादियों का सुरक्षित घर बन गया है, सुरक्षित ठिकाना बन गया है, सुरक्षित शरण स्थली बन गया है। इस्लामिक दुनिया की साजिश का हम आसान शिकार बन गये हैं, इस्लामिक दुनिया की साजिश क्या है? इस्लामिक दुनिया की साजिश भारत को एक इस्लामिक देश में तब्दील करना और भारत को मुस्लिम आतंकवाद की शरणस्थली, मुस्लिम आतंकवाद का सुरक्षित ठिकाना और मुस्लिम आतंकवाद का सुरक्षित घर के तौर पर तब्दील करना। मुस्लिम दुनिया अपनी इस साजिश में पूरी तरह से कामयाब दिखती है। यह भी एक बडा कारण है कि भारत का अति उदार रूप, भारत की तथाकथित उदारवादी पार्टियों की मुस्लिम पक्षी मानसिकताएं भी मुस्लिम आतंकवाद और मुस्लिम आतंकवादियों को संरक्षण देती है, समर्थन करती है। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि मुस्लिम आतंकवाद, मुस्लिम आतंकवादियों पर कानून का दमन कमजोर पड जाता है, सुरक्षा एजेंसियां अति न्यायिक और अति राजनीतिक परीक्षण से डर जाती है। कोई एक नहीं बल्कि दर्जनों ऐसे उदाहरण हैं कि सुरक्षा एजेंसियों को मुस्लिम आतंकवादियों के दमन में अति न्यायिक और अति राजनीतिक परीक्षण के भीषण पीडादायक दौर से गुजरना पडा है और कई वरिष्ठ अधिकारियों को महीनों जेलों में सडने के लिए बाध्य होना पडा है। ऐसी अति न्यायिक और अति राजनीतिक परीक्षण ही भारत को मुस्लिम आतंकवादियों की शरणस्थली बनने की ओर ढकेल रहा है। फिर हम सजग भी नहीं है।
अभी-अभी श्रीलंका में जो निर्दोष जिंदगियां तबाह हुई है, तीन सौ से अधिक जो लोग मारे गये हैं, पांच सौ से अधिक जो लोग मारे गये हैं, उनके गुनाहगारों का न केवल लिंक भारत के साथ जुडे हुए हैं बल्कि उनके गुनहगार भारत से ही मुस्लिम आतंकवाद, मुस्लिम घृणा और मुस्लिम साम्राज्यवाद खडा करने के लिए जिहाद करते हैं। श्रीलंका में लोमहर्षक आतंकवाद और हिंसा की आग में निर्दोष जिंदगियां नष्ट करने के लिए जिस तौहीद जमात पर आरोप लगाया गया है उसकी शरण स्थली भारत मे ही है। अब तक जिन-जिन आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई है वे सभी आतंकवादी तौहीदन जमात से ही जुडे हुए हैं। तौहीद जमात का मुख्यालय तमिलनाडु में है। तमिलनाडु में तौहीद जमात की खतरनाक उपस्थिति है। तौहीद जमात ने तमिलनाडु की राजनीति को अपने आगोश में लेने की कोई कोशिश नहीं छोडी थी। तौहीद जमात पर ईसाइयों और बौद्धों का धर्म परिवर्तन कराने और हिन्दुओं की हत्या करने जैसे आरोप हैं।
तौहीद जमात की उपस्थिति और उसकी खतरनाक, हिंसक तथा अमानवीय इतिहास और लक्ष्य भी देख लीजिये। तौहीद जमात की स्थापना एक भारतीय तमिल मुसलमान की आतंकवादी दिमाग की देन थी। भारतीय तमिल मुसलमान अरिंगर कुझु ने तौहीद जमात की स्थापना की थी। अरिंगर कुझु के संबंध मे जो जानकारियां सामने आयी है वह बहुत ही खतरनाक है। अरिंगर कुझु के तार पाकिस्तान के साथ जुडे हुए हैं, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तान के आतंकवादी सरगनाओं की तरह ही तौहीद जमात और अरिंगर कुझु व्यवहार करता है। अरिंगर कुझु भी ओसामा बिन लादेन की तरह ही काफिर मानसिकताएं रखता है, अरिंगर कुझु पर भी ओसामा बिन लादेन की तरह इस्लाम की कट्टर और खूनी मानसिकताएं हावी रहती हैं। अब यहां एक बडा प्रश्न यह है कि आखिर तौहीद जमात और अरिंगर कुझु के भारत मे लक्ष्य क्या है? आखिर तौहीद जमात और अरिंगर कुझु से भारत को कितना बडा खतरा है, आखिर क्या तौहीद जमात और अरिंगर कुझु भारत की एकता और अखंडता को खंडित करने जैसा है? सबसे बडी बात यह है कि तमिलनाडु और भारत सरकार अब तक तौहीद जमात और अरिंगर कुझु की आतंकवादी करतूत पर कानून का डंडा क्यों नही चला पायी थी, क्या सरकारों की ऐसी लापरवाही से भारत की एकता और अंखडता अक्षुण रह सकती है?
तौहीद जमात वहावी विचार धारा का प्रतिनिधित्व करता है, भारत में पहले वहावी विचारधारा प्रतिनिधित्व दारूल उलम देओबंद करता था। दारूल उलम देओबंद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित है। तौहीद जमात, दारूल उलम देओबंद से भी खतरनाक है। तौहीद जमात का अर्थ ही घृणास्पद है। तौहीद जमात का अर्थ सिर्फ अल्लाह में विश्वास रखना और अल्लाह में जो विश्वास नहीं रखते हैं, उन्हें काफिर मानकर उनकी हत्या करना। तौहीद जमात ऐसे तो सभी गैर इस्लामी धर्म और समूह को काफिर मानता है पर वह ईसाइयों को लेकर कुछ ज्यादा ही घृणास्पद मानसिकताएं रखता है। ईसाइयो को वह भटका हुआ समूह मानते हैं। ईसाइयो को मुस्लिम बनाना या फिर ईसाइयों का सर्वनाश करना वह अल्लाह का कार्य मानता है। तमिलनाडु के अंदर भी तौहीद जमात ने ईसाइयों के खिलाफ घृणास्पद अपराध करने के अभियान पर चल रहा था। तौहीद जमात पर 2017 में तमिलनाडु में मुकदमा दर्ज हो चुका है।
सिर्फ तमिलनाडु के अंदर ही नहीं बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी इस आतंवकादी संगठन ने अपने नेटवर्क कायम किये हैं और अपनी इस्लामिक घृणा और हिंसा का जाल विछाया है। खासकर योग गुरू रामदेव के प्रति यह आतंकवादी संगठन असहिष्णुता वाला घृणित विचार रखता है, आतंकवादी विचार रखता है। योग गुरू रामदेव के खिलाफ इसने मुस्लिम आबादी को भडकाने का कार्य किया है। तौहीद जमात ने योग गुरू रामदेव के योग और पंतजलि के उत्पादो के खिलाफ फतवा जारी किया था, मुस्लिम आबादी को अगाह किया था कि पंतजंलि के उत्पाद अल्लाह के उपदेश और आज्ञा का अनादर करते हैं, पंतजंलि के उत्पाद इस्लाम का अनादर करते हैं, इसलिए पंतजंलि के उत्पादों से दूर रहें। फतवा देने का काम पहले दारूल उलम देओबंद करता था पर अब देश के अंदर एक और खतरनाक मुस्लिम आतंकवादी संगठन की घुसपैठ हो गयी है। सिर्फ घुसपैठ ही नहीं हुई बल्कि वह आतंवादी संगठन अब मुस्लिम आबादी को अपने अुनसार चलने के लिए बाध्य करने में भी लगा हुआ है।
तमिलनाडु से इस संगठन की घुसपैठ श्रीलंका में हुई है और कुछ समय के अंदर ही यह संगठन श्रीलंका की मुस्लिम आबादी के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर लेता है। घुसपैठ करते ही तौहीद जमात ने श्रीलंका में मस्जिद की एक बडी फेहरिस्त कायम की थी। तौहीद जमात ने अपने धन से श्रीलंका के अंदर सैकडों मस्जिदें बनायी हैं। मस्जिदें जब वह संगठन बना रहा था तभी उस पर नजर सुरक्षा एजेसियों की लगी थी। खासकर उसने स्कूल जाने वाली मुस्लिम लडकियों और अन्य मुस्लिम महिलाओं के बुर्काकरण की काफी कोशिशें की थी। 2013 में श्रीलंका के तत्कालीन रक्षा मंत्री तौहीद जमात को आईएस का संगठन बता कर तहलका मचा दिया था। तौहीद जमात ने अपने बचाव में मजहबी उत्पीडन का ढाल बना लिया था। तौहीद जमात के सचिव अब्दुल रैजिक ने 2014 में श्रीलंका के बौद्ध धर्म को इस्लाम के खिलाफ बता कर फतवा दिया था और कहा था कि बौद्ध धर्म का सफाया कर इस्लाम का विस्तार करना हर मुसलमान का काम है। अब्दुल रैजिक के बयान आते ही श्रीलंका में तूफान मच गया था। अब्दुल रैजिक और उसके संगठन को प्रतिबंधित करने की बडी आवाज उठी थी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि श्रीलंका के अंदर बौद्ध मूर्तियो को खंडित करने के भी आरोप तौहीद जमात पर लगे हैं। बढते दबाव और घृणास्पद तथा आतंकवाद के खतरे को देख कर अब्दुल रेजिक की 2016 में गिरफतारी भी हुई थी।
तौहीद जमात जैसे आतंकवादी संगठन को भारत में क्यों पाला-पोशा गया अब तक उस संगठन पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? भारत की सरकारों को असहज स्थिति और खतरनाक संकटों का भान क्यों नहीं है। हम कभी क्या आज भी आतंकवाद की शरणस्थली के लिए पाकिस्तान को कोसते हैं, पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित करने की बात करते हैं, पाकिस्तान को कूटनीतिक मंच से अलग-थलग करने की कोशिश करते हैं। पर पाकिस्तान अपने बचाव में कहता है कि हम नहीं बल्कि भारत ही दुनिया में आतंकवाद फैलाता है। तौहीद जमात की करतूत पर अब पाकिस्तान भारत की घेराबंदी कर सकता है। मुस्लिम दुनिया भी भारत को बदनाम कर सकती है। मुस्लिम आतंकवादी संगठनों ने अपनी नीति बदली है, अपने संगठन भारत में ही स्थापित करने की नीति बनायी है। यही कारण है कि तौहीद जमात ने तमिलनाडु में अपनी शरण स्थली बनायी और श्रीलंका में धमाका काराया है। इस्लामिक स्टेट विभिन्न नामों से केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोतर प्रदेशों में शरण स्थली बना कर बैठा है। जिस तरह भारत सरकार ने बांग्लादेश में आतंकवादी करतूत कराने के आरोप में जाकिर नाईक के मुस्लिम संगटन पर प्रतिबंध लगाया है उसी तरह तत्काल तौहीद जमात पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और इसके सभी आतंकवादियों को जेलों में डाला जाना चाहिए।
संपर्क...
विष्णुगुप्त
मोबाइल नंबर ... 9315206123
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