Wednesday, August 6, 2025

 हरिनारायण की करतूत भी तो जानिये...

              आचार्य श्रीहरि


मैंने हरिनारायण सिंह का जिहादी चेहरा देखा है, लवजिहादी समर्थक उसकी गतिविधियां देखी है, कैसे वह एक लवजिहादी परिवार को बचाया था और संरक्षण दिया था।

         कोयला तस्करी में उसका नाम आया था यह कौन नहीं जानता है? आयकर विभाग ने उसके घर छापा मारा था और कई रिश्वतखोरी और भ्रष्टचार में उसका नाम चर्चा में था।

           रांची की पत्रकारिता में जातिवाद करने की करतूत हरिवंश और हरिनारायण की जोडी को है। इसके पहले रांची की पत्रकारिता में जातिवाद था ही नहीं? 

           मैंने अगर हिन्दुत्व से बईमानी की होती तो फिर आज मेरी पत्रकारिता शिखर पर होती, शायद बडे पद भी मिल जाता। न तो मैंने जातिवाद किया और न ही हिन्दुत्व से बईमानी की। देशद्रोही लोग आज मुझे लाखों देने के लिए तैयार हैं।

           मैंने अपने 64 साल की जिंदगी में 35 साल भूखे रहा है। आज भी मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं है, दवा के पैसे नहीं है। फिर भी मैंने अपनी पत्रकारिता नहीं बेची, बईमानी का धन स्वीकार नहीं किया।

          भगवान अपराधी को कभी पुरस्कृत करता नही। सजा देता है। इसलिए कोई अपराधी मरने के बाद स्वर्गीय हो ही नहीं सकता है।

सनातन का संहार आज इसीलिए हो रहा है कि वह अपने दुश्मनों को याद करता नहीं है, दुश्मनों के मरने के बाद भी उसे स्वर्गीय कहता है।

          आप मेरे अनुज के सम्मान हैं। आपने कभी रांची में मेरी सहायता की थी। लेकिन क्या आप मुझे अपना गुलाम बना कर रखना चाहते हैं? मेरा समर्पण हिन्दुत्व के प्रति है। मैं हिन्दुत्व की कसौटी पर ही सभी को रखता हू और अपना विचार प्रकट करता हूं। लाभ और हानि से मै मुक्त हू। 

           ऐसे भी मैं मरने वाला हूं, मेरी शरीर कुत्ते और कौआ  खायेगा। इसलिए मुझे किसी के समर्थन प्रशंसा की परवाह नहीं है।


आचार्य श्रीहरिद्ध

नई दिल्ली


Saturday, August 2, 2025

पाक के लिए ‘मौत का फंदा‘ बना रहा है ट्रम्प

 

 

    


                            राष्ट्र-चिंतन

     पाक के लिए ‘मौत का फंदा‘ बना रहा है ट्रम्प

              आचार्य श्रीहरि


डोनाल्ड ट्रम्प के पाकिस्तान प्रेम से लाभ किसको है और हानि किसको है? किसका हित सर्वाधिक नुकसान में होगा? क्या अमेरिका फिर से अपनी मूर्खता दोहराने जा रहा है? क्या अमेरिका फिर से अपनी अर्थव्यवस्था को संकट में डालने जा रहा है? क्या अमेरिका फिर से पाकिस्तान में इस्लामिक आतंकवाद की आग को लहराना चाहता है? क्या अमेरिका फिर से पाकिस्तानी कट्टरपंथियों को अपने लिए आत्मघाती बनाना चाहता है? क्या अमेरिका अपने घर में पाकिस्तान मुसलमानों को आश्रय देकर अपनी सभ्यता और संस्कृति को संकट में डालना चाहता है? क्या अमेरिका का लोकतंत्र भी इस्लामिक तंत्र में बदलेगा? क्या डोनाल्ड ट्रम्प के मुस्लिम कट्टरता का विरोध समाप्त मान लिया जाना चाहिए? ट्रम्प की पाकिस्तान के अंदर में तेल और गैस की खोज के रास्ते में चीनी प्रोजेक्ट प्रभावित होगे और दायरे में आयेंगे? चीन का हित प्रभावित होगा तो फिर किस तरह की हिंसक वैश्विक परिस्थितियों का निर्माण होगा? चीन और अमेरिका मे अपने-अपने हितो की रक्षा को लेकर कोई घातक युद्ध शुरू हो सकता है क्या? पाकिस्तान में बैठकर अमेरिका रूस को भी नियंत्रित कर सकता है क्या? भारत पर कितना प्रभाव पडेगा? क्श्मीर का प्रश्न कितनी सुर्खियां हासिल करेगा? पाकिस्तान के आतंकवाद से भारत कितनी हिंसा झेलेगा? फिर भारत को इस्लामिक आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए कौन-कौन सी नयी नीतियां अपनानी होगी? भारत को अपनी सेना भी मजबूत करनी होगी क्या? भारत को अपनी आतंरिक सुरक्षा की चुनौतियों पर भी ध्यान देना होगा क्या? पाकिस्तान एक भूखड और कटोरे लेकर भीख मांगने वाला देश है, एक ऐसा असफल देश जो दुनिया के लिए खतरे की घंटी और बोझ-संकट जैसा है।

                   झूठ है या सच? गारंटी नहीं है। सिर्फ अफवाह है, शिगूफा है या फिर सच्चाई भी है? कोई नही जानता था कि पाकिस्तान के पास तेल का भंडार है, गैस का भंडार है, उसके पास खनिज संपदाओं का भंडार है। उसके पास तो भारत से भी कम तेल और गैस संसाधन है। भारत तो अपने अधिकार वाले समुद्र से तेल निकालता है पर पाकिस्तान का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसका दोहन कर तेल और गैस निकाला जाता है। पाकिस्तान पहले भी और आज भी तेल और गैस के लिए विदेशियों की चरणवंदना करता रहा है। कहने का अर्थ यह है कि पाकिस्तान भी गैस और तेल के लिए अरब के देशों पर निर्भर रहा है। पाकिस्तान ने तेल और गैस के लिए ईरान के साथ एक संधि किया था। हालांकि उस योजना में भारत भी शामिल होना चाहता था। उस योजना का नाम था भारत पाकिस्तान ईरान गैस और तेल पाइय लाइन योजना। यह एक बडी गैस-तेल पाइप लाइन योजना थी। ईरान इस गैस-तेल पाइप लाइन योजना के माध्यम से कच्चा तेल भारत और पाकिस्तान तक पहुंचाना चाहता था। भारत भी इस पाइप योजना को लेकर बहुत आशान्वित था और उत्साहित था। इस पर भारत लाखों डाॅलर का निवेश करना चाहता था। क्योंकि भारत इससे लाभान्वित होना चाहता था और भारत को वैश्विक दर से कम दर पर गैस और तेल मिलने की उम्मीद थी, ढुलाई खर्च बचने की उम्मीद भी थी। इसके कारण भारत अपने यहां सस्से दर पर गैस और तेल की आपूर्ति कर सकता था। लेकिन पाकिस्तान के मुस्लिम आतंकवाद को देख कर भारत गैस-तेल पाइप लाइन योजना से बाहर हो गया। लेकिन पाकिस्तान आज भी उस योजना से बंधा हुआ है। लेकिन अभी तक पाकिस्तान-ईरान गैस पाइप लाइन योजना पूरी नहीं हुई है क्योंकि पाकिस्तान उस पर निवेश करने की स्थिति में नहीं है और ईरान दानदाता बनने के लिए तैयार नहीं है, ईरान को भी पाकिस्तान की मुस्लिम आतंकवाद की मानसिकता से डर है। मुस्लिम आतंकी गैस-पाइप लाइन योजना को कभी भी बाधित कर सकते हैं और अपनी हिंसा का शिकार बना सकते हैं। पाकिस्तान का सुन्नी आतंकवाद ईरान की शिया आबादी पर संहारक की स्थिति मे धावा बोलता है।

                    ट्रम्प ने एकाएक दुनिया को चैंका दिया, आश्चर्य में डाल दिया, पाकिस्तान के बल्ले-बल्ले कर दिया, पाकिस्तान की मार्केटिंग कर दी, पाकिस्तान की छवि को चमका दिया। कह दिया कि पाकिस्तान के पास तेल और गैस का विशाल भंडार है। पाकिस्तान के पास इतना गैस और तेल का भंडार है जितना किसी अन्य देश के पास नहीं है। ट्रम्प ने घोषणा कर दिया कि पाकिस्तान के उस तेल और गैस के विशाल भंडार का दोहन अमेरिका करेगा। अमेरिका अपनी तकनीकी के माध्यम से पाकिस्तान में तेल और गैस का भंडार खोजेगा। पूरी दुनिया पाकिस्तान की चरणवंदना करेगी, दुनिया भर की कंपनियां पाकिस्तान की ओर भागेगी, पाकिस्तान का गुणगान करेगी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि दुनिया के देश और कंपनियां पाकिस्तान के साथ हिस्सेदारी करने के लिए आगे बढेगी। उसने खासकर भारत पर तंज कसा है। भारत पर उसने तंज क्या कसा है? डोनाल्ड ट्रम्प ने अंहकार दिखाया और कहा कि एक दिन भारत भी पाकिस्तान से गैस और तेल खरीदेगा फिर पाकिस्तान की शर्ते भारत को परेशान करेगे और अपमान करेंगे। गैस और तेल की कसौटी पर भारत को भय और चुनौती दिखाने वाले डोनाल्ड ट्रम्प की भारत के खिलाफ पीडा क्या है? भारत के खिलाफ ट्रम्प की पीडा बहुत ही असहनीय है, भारत पीडा में उसने अपनी मानसिक स्थिति बिगाड ली है, उसका मानसिक संतुलन कमजोर हो गया है। ट्रम्प भारत को अपना गुलाम और टूल बनाना चाहता था। भारत ने टूल और गुलाम बनना स्वीकार नहीं किया, अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता को भारत ने सर्वश्रेष्ठ समझा। ट्रम्प के कहने पर भारत ने चीन और रूस का विरोध करना स्वीकार नहीं किया, भारत ने रूस और ईरान से तेल और गैस खरीदना बंद नहीं किया। अभी-अभी नरेन्द्र मोदी ने अप्रत्यक्ष तौर पर अमेरिका को करारा थप्पड मारा है, कह दिया कि किसी के कहने पर हम रूस और ईरान से तेल और गैस खरीदना बंद नहीं करेंगे। टैरिफ हिंसा से भी नरेन्द्र मोदी ने डरने से इनकार कर दिया। ईरान और रूस से तेल और गैस खरीदना भारत के लिए लाभकारी सौदा है, इसका लाभ कुरबान क्यों करेगा भारत? भारत को अमेरिकी हित नहीं बल्कि अपना हित और अपने देश की जनता के कल्याण की भावनाएं महत्वपूर्ण है। भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध रोकने का श्रेय डोनाल्ड ट्रम्प को नहीं लेने दिया था और कह दिया था कि पाकिस्तान की इच्छा पर हमने युद्ध रोका था। अब ट्रम्प ने भारत को डराने के लिए पाकिस्तानी तेल-गैस का हथकंडा अपनाया है, भारत के खिलाफ पाकिस्तानी हथकंडा कोई करिश्मा दिखाने वाला नही है।

                   भारत को नुकसान कम है। अधिक नुकसान चीन को है, थोडा नुकसान और चुनौतियां रूस को है। चीन को सर्वाधिक नुकसान होगा। पाकिस्तान खुद चीन और अमेरिका के हितों के बीच पिसेगा। अमेरिका और चीन के सामने पाकिस्तान के लिए मौत का फंदा झुलेगा, उसे खांई और कुंए के बीच चलना होगा। चीन की कई रेल और सडक परियोजनाएं पाकिस्तान के अंदर चल रही हैं। चीन पाकिस्तान के अंदर आर्थिक गलियारा भी बना रहा है। ग्वादर बंदरगाह भी बना रहा है चीन। इन सभी चीनी परियोजनाओं का विरोध अमेरिका करता रहा है। चीनी परियोजनाओं का विरोध पाकिस्तान के अंदर भी शुरू हो चुका है। बलूच क्षेत्र में अलग राष्ट्र का आंदोलन भी चल रहा है। अलग राष्ट्र के आंदोलन का निशाना चीन है। चीनी नागरिकों की सुरक्षा भी अहम प्रश्न बना हुआ है। अमेरिका जब तेल और गैस दोहन में उतरेगा तो फिर उसे अलग-अलग राष्ट्रीयताओं का प्रबल विरोध झेलना पडेगा। इसके साथ ही साथ पाकिस्तान के लिए मौत का फंदा भी तैयार होगा। पाकिस्तान किसका हित सुरक्षित करे और किसका हित सुरक्षित न करे, इस चुनौती से घिरेगा। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच अपने-अपने हितों को लेकर शहमात का खेल होगा। रूस को भी अमेरिका पाकिस्तान में बैठकर नियंत्रित कर सकता है। युद्धक स्थिति में अमेरिका पाकिस्तान को टूल बना कर अपने लहाकू विमानों से रूस पर हमला भी कर सकता है।

              जहां तक भारत का प्रश्न है तो अब भारत को अपनी सुरक्षा चुनौतियां और गुप्तचर चुनौतियों को दूर करना होगा। चाकचैबंद सुरक्षा नीतियां बनानी होगी। डोनाल्ड ट्रम्प की किसी भी धमकी और कदम से भारत क्यों डरेगा? डरना तो पाकिस्तान, चीन और रूस को पडेगा।


 संपर्क

आचार्य श्रीहरि

नई दिल्ली


Mobile     9315206123